बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
अध्याय - 11
रासायनिक एवं जैविक युद्धकर्म
(Chemical and Biological Warfare)
प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
अथवा
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान प्रयुक्त हुए रासायनिक अस्त्रों का उल्लेख कीजिए। इनके प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
जैविक हथियारों के प्रकार बताइये तथा किसी एक का उल्लेख कीजिए।
अथवा
रासायनिक एवं रोगाणु युद्ध क्या हैं? समझाइये |
उत्तर -
प्राचीन काल से ही युद्धों में रसायन विद्या का प्रयोग होता रहा है। प्लेटिया पर आक्रमण के समय 479 ई. पू. में जलने वाली गन्धक का प्रयोग किया गया तथा सेबस्तापूल पर आक्रमण के समय 1855 ई. में भी जलने वाली गन्धक का प्रयोग किया गया था। अमेरिकी गृह युद्ध के समय क्लोरीन गैस का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया था। बीसवीं शताब्दी में रासायनिक शस्त्रों का प्रयोग अत्यधिक हो गया था। औद्योगिक रसायन (Industrial Chemistry) में प्रगति के साथ-साथ रसायनिक हथियारों में भी प्रगति हुई है।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान युद्ध में अपनी विजय प्राप्त करने के लिए हर राष्ट्र प्रयासरत था और इसीलिए सभी राष्ट्र नई-नई शक्तियों एवं हथियारों का प्रयोग कर रहे थे। इन हथियारों में रासायनिक हथियार भी शामिल थे। प्रारम्भ में रासायनिक गैसों का प्रयोग करने में कोई राष्ट्र तैयार नहीं था किन्तु सर्वप्रथम जर्मनी ने विश्व युद्ध में रासायनिक हथियार विषाक्त गैसों का प्रयोग किया। इन गैसों का प्रयोग वाइपर्स की लड़ाई 1815 में जर्मनी द्वारा किया गया था। इसका प्रयोग युद्ध में बहुत्वाभकारी सफलता से पूर्ण लाभ नहीं उठा सका। हालांकि जल्द ही इन गैसों से बचाव के लिए मास्क तैयार कर लिए गए फिर भी इनका प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता रहा। प्रथम महायुद्ध में जर्मनी द्वारा निम्नलिखित प्रकार की गैसों का प्रयोग किया गया था -
(i) दम घोटने वाली गैस (Lung Chocking Gas) इस प्रकार की गैसें श्वांस के द्वारा फेफड़ों में चली जाती हैं और फेफड़ों में पहुँचते ही ये असर दिखाना शुरू कर देती हैं। इसके प्रयोग से खाँसी आने लगती है और दम घुटने लगता है और व्यक्ति की सांस रुक जाती है और वह मर जाता है। क्लोरीन, फोस्जीन तथा डिफोरजीन इसी प्रकार की गैसें हैं।
(ii) त्वचा पर असर करने वाली गैसें (Vesicatus or Blister or Skin Gases) यह गैस त्वचा पर असर करती है। इस गैस के शरीर से छूते ही शरीर के उस भाग पर छाले पड़ जाते हैं और पूरे शरीर में जलन सी होने लगती है। इन गैसों से बचाव कर पाना बहुत ही मुश्किल है। मस्टर्ड तथा लेविस्टी इसी प्रकार की गैसें हैं।
(iii) नाक के द्वारा असर करने वाली गैसें (Strenutators or Nose Gases) - ये गैसें साँस लेने पर नाक के द्वारा गले और फेफड़ों में पहुँच जाती हैं जिससे सिर में दर्द तथा सीने में जलन, शारीरिक कमजोरी व मानसिक कमजोरी महसूस होने लगती है। इन गैसों से मनुष्य शिथिल पड़ जाता है किन्तु ये प्राणघातक नहीं होती हैं। डी. ए. तथा डी. सी. और एडामिसइट आदि इसी प्रकार की गैसें हैं।
(iv) अश्रु गैस (Lacrimators or Tear Gases) - ये गैसें सीधे आँखों पर असर करती हैं। इनसे आँखों में जलन होने लगती है तथा आँखों में आंसू निकलने लगते हैं। इनसे बहुत बेचैनी तथा व्यकुलता उत्पन्न हो जाती है। इनसे मृत्यु का डर नहीं होता है। वी. बी. सी.सी. ए. पी. तथा के. एस. के. इसी प्रकार की गैसें हैं।
जैविक हथियार
(1) इबोला - ये हेमोरोजिक बुखार है। इसकी उत्पत्ति के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। ये माना जाता है कि यह बीमारी पशुओं द्वारा उत्पन्न हुई है। यह ऊतक और रन्ध्रों के तरल पदार्थ का हैमरोज होकर बाहर आ जाता है। 30 से 90 प्रतिशत शिकारों की मृत्यु हो जाती है।
लक्षण बुखार मांसपेशियों में दर्द, डायरिया।
बचाव - एन्टीविरा ड्रग्स, सप्लाई बहुत कम।
(2) बॉटुलिज्म टाक्सिन इसे सबसे ज्यादा विषैला एथरोसाल हथियार के रूप में तैयार किया जा सकता है। 24 से 36 घंटों के अन्दर यह नर्व टॉक्सिस मांसपेशियों को पैरालाइज कर देता है। श्वासनली अवरुद्ध हो जाती है। मृत्यु भी हो सकती है।
लक्षण अस्पष्ट दिखना, निगलने और बोलने में तकलीफ।
बचाव - सेंटर फॉर डिसीज कन्ट्रोल, प्रिवेज की एन्टीटॉक्सिन।
(3) स्माल पाक्स यह चिकन पाक्स जैसी बीमारी है। चिकन पाक्स की तरह त्वचा पर पड़े रैश सख्त फफोलों में बदल जाते हैं। 20वीं सदी में लगभग 500 मिलियन लोग इसकी चपेट में आकर मर गये थे।
लक्षण - बुखार, सिरदर्द, जी मिचलाना।
बचाव- वैक्सीन।
(4) एन्थेक्स सर्वाधिक चर्चित जैविक हथियारों में एक मिट्टी में सक्रिय स्पोर फार्मिंग रॉडस वालसा वैक्टीरिया है। इस विषाणु के सम्पर्क में आने वाला फ्लू से ग्रस्त हो जाता है। उपचार न होने की दशा में 36 घंटों के भीतर मृत्यु हो सकती है। एक ग्राम का बिलियनवां भाग (धूल के कण जैसा) इसकी खतरनाक मात्रा है।
लक्षण - तेज बुखार, थकान और खांसी।
बचाव- वैक्सीन, एंटीबायटिक्स मसलन पेनसिलिन।
कुछ नवीन प्राणघातक गैसें यह निम्नलिखित हैं-
(1) मस्टर्ड गैस,
(2) सेरीन,
(3) वी. एक्स,
(4) प्लेग,
(5) टूलारेमिया।
|
- प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
- प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।